
जयपुर। आस्था के पावन केंद्र श्री अमरापुर दरबार में 23 अक्टूबर से प्रारंभ हुए 15 दिवसीय कार्तिक महोत्सव का समापन बुधवार 5 नवंबर (कार्तिक पूर्णिमा) को श्रीमद्भागवत गीता, श्री प्रेम प्रकाश ग्रंथ साहिब,कार्तिक महात्म की कथा एवं भगवान सत्यनारायण की कथा के भोग पारायण के साथ होगा।
बुधवार कार्तिक पूर्णिमा की पावन वेला में प्रातः 6 से 7 बजे तक प्रभात फेरी (हरि नाम संकीर्तन यात्रा) सुबह 7 से 11 बजे तक नित्य नियम प्रार्थना,संत महात्माओं के सानिध्य में भजन संकीर्तन, आरती, तत्पश्चात विशाल आम भंडारे का आयोजन किया जाएगा। संत मोनूराम महाराज ने बताया कि 15 दिवसीय कार्तिक महोत्सव में हजारों की संख्याओं में श्रद्धालुओ ने हरि नाम संकीर्तन में भाग ले नाम का सिमरन किया।
संतो ने बताया कि सभी मासों में कार्तिक माह की महिमा अधिक है। मान्यता है कि 11 महीने के धार्मिक कार्यों का फल कार्तिक मास में प्राप्त होता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया था। जिससे देवी- देवता बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने भगवान शिव की नगरी काशी में दीप दान कर खुशियां मनाई। कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीपदान का भी विशेष महत्व है। श्री अमरापुर दरबार पर भी साय काल के समय दीप प्रज्वलित किए जाएंगे।
इस अवसर सदगुरु स्वामी टेऊँराम महाराज द्वारा रचित आध्यात्मिक वाणी दोहे, पद, छंद, भजन, का संतो के सानिध्य में संगीतमय वाचन किया जाएगा। संतो ने शिक्षा विभाग, अधिकारियों से पत्राचारों के माध्यम से सदगुरु स्वामी टेऊँराम महाराज की आध्यात्मिक वाणी दोहे पद छंद भजन कवित आदि को हिंदी पाठ्य पुस्तकों में शामिल करने के लिए अनेकों बार आग्रह किया है। कार्तिक पूर्णिमा पर श्री अमरापुर स्थान पर दिनभर भक्तों का दर्शनों के लिए तांता लगा रहेगा।



















