जयपुर। आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में रविवार को मोहिनी एकादशी पर्व पर सर्वार्थ व अमृत सिद्धि योग में ठाकुर जी का विशेष श्रृंगार किया गया। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मोहिनी एकादशी सभी पापों का नाश करने वाली उत्तम तिथि है। इस तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है। इस तिथि पर दान –पुण्य करने का विशेष महत्व है। मोहिनी तिथि शनिवार सुबह 11 बजकर 23 मिनट पर प्रारंभ हुई थी और 19 मई रविवार को 1 बजकर 51 मिनट पर इस तिथि का समापन हुआ। पंचांग के अनुसार उदया तिथि के अनुसार मोहिनी एकादशी का व्रत श्रद्धालुओं ने रविवार को सर्वार्थ सिद्धि व अमृत सिद्धि योग में रखा।
मंदिर में भक्तों कि रही काफी भीड़
सर्वार्थ सिद्धि व अमृत सिद्धि योग में मोहिनी एकादशी होने के कारण जयपुर के आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में भक्तों की काफी भीड़ देखने को मिली। जिसके चलते रविवार को यातायात की स्थिति पर काफी फर्क पड़ा। गोविंद देवजी मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ इतनी रही की। मंदिर परिसर से लेकर जौहरी बाजार तक भक्तों को पार्किग की जगह नहीं मिली। वहीं मुख्य मार्गो पर यातायात कछूआ चाल चलता दिखाई दिया।
भक्तों की बढ़ती संख्या को देखते हुए झांकी का समय भी बढ़ाया
मोहिनी एकादशी पर मंदिर परिसर में भक्तों की बढ़ती संख्या को देखते हुए मंदिर प्रशासन को रविवार मंगला झांकी के दर्शन के समय में परिवर्तन करना पड़ा। श्रद्धालुओं को मंगला झांकी के दर्शन के लिए 15 की जगह 45 मिनट का समय मिला। मोहिनी एकादशी पर्व पर मंगला झांकी का समय सुबह साढ़े 4 बजे रहा। जबकि रोजाना मंगला झांकी प्रात 5 से सवा 5 बजे तक रहती है। वहीं मंदिर प्रांगण में अन्य झांकियों के समय में कोई परिवर्तन नहीं किया गया।