जयपुर। प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता को लेकर एक बार फिर राजस्थान की राजनीति गरमा गई है। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी ) के सुप्रीमो और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने जेटीए-2025 परीक्षा में हुई कथित अनियमितताओं को लेकर भजनलाल शर्मा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। शहीद स्मारक पर चल रहे अपने धरने के दौरान बेनीवाल ने कहा कि यह सरकार ओएमआर शीट में “चीटिंग” का नया मॉडल लेकर आई है।
“ओएमआर में न वीक्षक के हस्ताक्षर, न छात्र के हस्ताक्षर”
बेनीवाल ने मीडिया को दिखाए गए जेटीए-2024 परीक्षा की ओएमआर कार्बन प्रति का हवाला देते हुए बताया कि अब तक की सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में ओएमआर शीट पर वीक्षक व छात्र के हस्ताक्षर अनिवार्य रहे हैं ताकि पारदर्शिता बनी रहे। लेकिन इस परीक्षा में ओएमआर पर न तो परीक्षार्थी के हस्ताक्षर हैं और न ही वीक्षक के। उन्होंने आरोप लगाया कि इससे सरकार को यह छूट मिल जाती है कि किसी भी छात्र की ओएमआर शीट बाद में भरकर मनचाहे अभ्यर्थियों को चयनित किया जा सके।
कर्मचारी चयन बोर्ड निर्देशों की अवहेलना का आरोप
उन्होंने आगे कहा कि कर्मचारी चयन बोर्ड (RSSB) द्वारा यह स्पष्ट निर्देश होता है कि हर प्रश्न के पांच विकल्प होते हैं, और यदि कोई छात्र उत्तर नहीं देना चाहता तो ‘ई’ विकल्प भरता है। लेकिन इस परीक्षा में इन दिशा-निर्देशों की खुलेआम अवहेलना की गई है। यह भ्रष्टाचार की नई स्क्रिप्ट है जो परीक्षा केंद्रों से लेकर चयन बोर्ड के भीतर तक फैली है।
आरएएस 2018 की कॉपियों में अनियमितता का आरोप
सिर्फ जेटीए परीक्षा ही नहीं, बेनीवाल ने आरएएस 2018 परीक्षा की कॉपियों के उदाहरण देते हुए बताया कि किस तरह एक ही उत्तर पर कुछ छात्रों को पूरे अंक दिए गए, जबकि अन्य को गलत उत्तर पर भी अंक दे दिए गए, और एक छात्र को सही उत्तर के बावजूद शून्य अंक दिए गए। उन्होंने मांग की कि आरएएस 2018 की सभी उत्तर पुस्तिकाओं को सार्वजनिक किया जाए।
चेयरमैन बर्खास्त हो और परीक्षा रद्द हो
बेनीवाल ने भजनलाल शर्मा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यदि सरकार में थोड़ी भी नैतिकता बची है तो कर्मचारी चयन बोर्ड के चेयरमैन आलोक राज को तुरंत बर्खास्त किया जाए और जेटीए -2025 परीक्षा को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए।