जयपुर। चैत्र के वासंतिक नवरात्र का देवी मंदिरों में हवन और पुष्पाजंलि के साथ समापन हुआ। आमेर स्थित शिला माता मंदिर में बुधवार को चैत्र नवरात्रि की पूर्णाहुति हुई। अंतिम दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे। मंदिर मातारानी के जयकारों से गुंज उठा। कनक घाटी स्थित गोविंद देवजी मंदिर ठिकाने के मनसा माता मंदिर में महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में बुधवार को पुष्य नक्षत्र में रामनवमी पूजन हुआ। इसके बाद हनुमानजी की पूजा की गई। इस मौके पर 151 कन्या-बटुक पूजन कर हवन किया गया। कन्याओं को ड्राइंग किट उपहार में दिया गया। मंदिर के प्रवक्ता मानस गोस्वामी ने बताया कि हवन की पूर्णाहुति के बाद चंडी पाठ, श्रृंगार, भोग, आरती और पुष्पाजंलि हुई।
दुर्गापुरा स्थित दुर्गा माता मंदिर के महंत महेन्द्र भट्टाचार्य के सान्निध्य में नवमी पर मां दुर्गा का दिव्य श्रृंगार किया गया। सूरजपोल स्थित रुद्रघंटेश्वरी, घाटगेट श्मशान स्थित दुर्गा मंदिर, झालाना डूंगरी स्थित कालक्या मंदिर, राजापार्क के पंचवटी सर्किल स्थित वैष्णो देवी मंदिर में नवमी को हवन के साथ नवरात्र संपन्न हुए।