जयपुर। जवाहर कला केन्द्र में कला संसार मधुरम के अंतर्गत आयोजित शास्त्रीय संगीत उत्सव के दूसरे दिन शुक्रवार शाम ख्याल गायन की प्रस्तुति हुई। युवा कलाकार विक्रम श्रीवास्तव ने ख्याल की अलग-अलग बंदिशें पेश कर श्रोताओं का दिल जीत लिया। इसी के साथ दो दिवसीय उत्सव का समापन हुआ। उत्सव में जहां संवाद प्रवाह में विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए वहीं ध्रुवपद और ख्याल गायन प्रस्तुतियों में श्रोताओं ने शास्त्रीय संगीत का आनंद उठाया।
ख्याल गायन की प्रस्तुति में विभिन्न भावों की अभिव्यक्ति हुई। विक्रम ने राग जोग में आलाप के साथ प्रस्तुति की शुरुआत की। फिर उन्होंने एक ताल अति विलंबित लय में बड़ा ख्याल ‘पिया घर नहीं आए’ गाकर विरह के भाव साकार किए। मधुर आवाज में मध्य लय तीन ताल में छोटा ख्याल ‘साजन मोरे घर आए’ में शृंगार के भाव झलके। रग बागेश्वरी में में छोटे ख्याल के साथ प्रस्तुति आगे बढ़ी। मध्य लय तीन ताल में ‘पायल बाजै रे मोरी झनन प्यारे’ पेश की गयी। द्रुत तीन ताल में ‘ए री ए मैं कैसे घर जाऊं’ के साथ प्रस्तुति का समापन हुआ। सारंगी पर पं. मनोहर लाल टांक, हारमोनियम पर उस्ताद शेर मो. खान, तबले पर अभिनव वर्मा ने संगत की।
सजेगा गजलों का गुलदस्ता
इधर जवाहर कला केन्द्र की ओर से आयोजित सांगीतिक प्रस्तुतियों की कड़ी में शनिवार को शाम-ए-ग़ज़ल का आयोजन किया जाएगा। रंगायन सभागार में शाम छह बजे होने वाली प्रस्तुति में जावेद हुसैन और संगीता शर्मा गजलों का गुलदस्ता सजाएंगे।