May 20, 2025, 2:21 pm
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मां दुर्गा और मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की आराधना का पर्व 30 मार्च से प्रारंभ

जयपुर। शक्ति की अधिष्ठात्री मां दुर्गा और मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की आराधना का पर्व चैत्र नवरात्र तीस मार्च चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को कलश स्थापना के साथ शुरू होगा। 30 मार्च से 6 अप्रैल तक नवदुर्गा और भगवान राम की आराधना की जाएगी।

घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 09:20 से दोपहर 12:25 बजे तक रहेगा। अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:01 से 12:50 बजे तक रहेगा। वहीं 6 अप्रैल को रवि पुष्य और सर्वार्थ सिद्धि के साथ रामनवमी का स्वयं सिद्ध अबूझ मुहूर्त रहेगा। 7 अप्रैल सोमवार को नवरात्रौत्थापन के दिन भी रवि पुष्य योग और सर्वार्थ सिद्धि का विशेष योग रहेगा।

आमेर के शिला माता, मनसा माता, आमेर रोड स्थित गोविंद देवजी मंदिर के मातहत मंदिर मनसा माता, दुर्गापुरा के दुर्गा मंदिर, राजापार्क के वैष्णोदेवी मंदिर, घाटगेट श्मशान स्थित काली माता मंदिर, झालाना डूंगरी स्थित कालक्या मंदिर सहित अन्य दुर्गा मंदिरों में चैत्र नवरात्र की तैयारियां शुरू हो गई है। वहीं, छोटीकाशी के सभी राम मंदिरों में भी नवरात्र पर वाल्मीकि रामायण और तुलसीदास कृत रामचरितमानस के अखंड नवाह्न पारायण होंगे।

नौ नहीं आठ दिन होगी आराधना:

इस साल 9 दिन नहीं बल्कि 8 दिन के ही नवरात्र हैं क्योंकि नवरात्र में तृतीय तिथि का क्षय हो रहा हैं। ज्योतिषाचार्य डॉ. महेन्द्र मिश्रा ने बताया कि सर्वार्थ सिद्धि योग में मां दुर्गा का आगमन गजराज पर होगा। गजराज पर मातारानी का आगमन को धन-धान्य में वृद्धि से जोडक़र देखा जाता है। माता दुर्गा का प्रस्थान सोमवार 7 अप्रैल को हाथी पर ही होगा।

गायत्री शक्तिपीठों पर होंगे विशेष अनुष्ठान:

चैत्र नवरात्र पर अखिल विश्व गायत्री परिवार विश्व शांति, मानव कल्याण एवं विश्व में हो रही विध्वंसक घटनाओं को रोकने के लिए, देश की प्रगति, सामाजिक एवं नैतिक मूल्यों के विकास के लिए विशेष अनुष्ठा करेगा। नवरात्र में गायत्री महामंत्र की साधना की जाएगी। गायत्री परिवार के जोन प्रभारी एवं मुख्य ट्रस्टी ओम प्रकाश अग्रवाल ने बताया कि नव वर्ष के शुभारंभ के अवसर पर 30 मार्च को गायत्री परिजन कलश स्थापना के साथ अनुष्ठान प्रारंभ करेंगे।

राजस्थान की सभी गायत्री शक्तिपीठों, गायत्री चेतना केन्द्रों एवं मानसरोवर स्थित वेदना निवारण केन्द्र पर कलश स्थापना होगी। गायत्री परिजन प्रतिदिन गायत्री महामंत्र की साधना करेंगे जिससे सूक्ष्म जगत का शोधन होगा। अनुष्ठान की पूर्णाहुति 6 अप्रैल को कन्या पूजन एवं नौ कुंडीय यज्ञ से होगी। इसमें हरिद्वार से मंगाई गई विशेष जड़ी बूटियों से मिश्रित हवन सामग्री की आहुतियां देकर देश की उन्नति के लिए प्रार्थना की जाएगी।

मनसा माता मंदिर में सुबह नौ बजे होगी घट स्थापना:

ठिकाना मंदिर श्री गोविंद देवजी के अधीनस्थ कनक घाटी, आमेर रोड स्थित मंदिर श्री देवी मनसा माता में नवरात्रा महोत्सव श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया जाएगा। मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में सुबह नौ से दोपहर बारह बजे तक रेवती नक्षत्र में घट स्थापना की जाएगी। माता रानी का आभूषण, फूलों और मोर पंख से विशेष श्रृंगार कर चंडीपाठ किए जाएंगे। आरती के बाद पुष्पाजंलि दी जाएगी।

द्वितीया तिथि 31 मार्च से दशमी तक साढ़े आठ बजे से नक्षत्र अनुसार तिथि पूजन किया जाएगा। अष्टमी तिथि पांच अप्रेल को सुबह साढ़े आठ से दोपहर बारह बजे तक नियमित पूजन के अलावा मध्य रात्रि को संधि पूजन और गत बलिदान और गत समर्पण होगा। नवमी तिथि को हवन के बाद कन्या पूजन किया जाएगा। दशमी सात अप्रेल को सुबह 8:30 से 9:36 तक अपराजिता पूजन के बाद ज्वारों का विसर्जन किया जाएगा।

गोविंददेवजी मंदिर में 51 साधक करेंगे नवाह्न पारायण:

चैत्र के वासंतिक नवरात्र में आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में 30 मार्च से 7 अप्रेल तक श्रीराम चरितमानस का संगीतमय नवाह्न पारायण का आयोजन किया जाएगा। मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में प्रतिदिन सुबह सात से ग्यारह बजे तक 51 आसन पर 51 साधक श्रीराम चरितमानस की चौपाइयों का सस्वर संगीतमय पाठ करेंगे। श्री चिंता हरण हनुमान मंदिर के बंशीजी महाराज व्यासपीठ से पाठ करेंगे। इस मौके पर घट स्थापना कर भगवान राम का दरबार सजाया जाएगा। पांच घंटे रामचरितमानस के पाठ के बाद शाम को भजन होंगे। सात अप्रेल को पाठ की पूर्णाहुति के उपलक्ष्य में संगीतमय सुंदरकांड पाठ होंगे।

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