जयपुर। गंगा दशहरा जो 5 जून गुरुवार को हैं। हर वर्ष ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता हैं। इसी दिन मां गंगा स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुई थीं ताकि राजा भगीरथ के पूर्वजों का उद्धार हो सके।
गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान और दान से पुण्य की प्राप्ति होती हैं और पापों का नाश होता हैं। इस दिन गंगा स्तोत्र का पाठ करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। आचार्य गौरी शंकर शर्मा बोरखेड़ा ने बताया कि हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाता हैं।
स्मार्त संप्रदाय के साधक निर्जला एकादशी का व्रत 06 जून को रखेंगे और वैष्णव संप्रदाय के साधक 07 जून को निर्जला एकादशी का व्रत रखेंगे। निर्जला एकादशी व्रत दोनों दिन किया जा सकता हैं। आचार्य गौरी शंकर शर्मा बोरखेड़ा ने बताया कि श्री बटुक भैरव जयंती, गंगा दशहरा व्रत,गंगा दशमी रवि योग में 5 जून गुरुवार को और निर्जला एकादशी व्रत,भीम एकादशी द्विपुष्कर योग और सर्वार्थ सिद्धि योग में 7 जून शनिवार को हैं।
गंगा दशमी और निर्जला एकादशी दोनों ही स्वयं सिद्ध अबूझ मुहूर्त हैं। इन दोनों दिनों में विवाह,गृह प्रवेश,नींव मुहूर्त,यज्ञोपवीत संस्कार मकान,वाहन,आभूषण क्रय विक्रय आदि सभी तरह के मांगलिक कार्य कर सकते हैं।