September 19, 2024, 8:56 am
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ओला ने 1.4 करोड़ से ज्यादा भारतीयों के लिए भारत का अपना बहुभाषी एआई, कृत्रिम पेश किया

बैंगलुरू। संपूर्ण एआई कंप्यूटिंग स्टैक बनाने पर केंद्रित भारत की अपनी और पहली एआई कंपनी, कृत्रिम ने अपना बेस लार्ज लैंग्वेज मॉडल (एलएलएम) पेश किया। सभी भाषाओं में इसकी जनरेटिव एआई एप्लीकेशंस द्वारा इसके प्रशिक्षण के लिए भारतीय डेटा का सबसे विशाल प्रतिनिधित्व हो सकेगा। बैंगलोर और सैन फ्रांसिस्को में स्थित अग्रणी कंप्यूटर वैज्ञानिकों की टीम द्वारा प्रशिक्षित इस मॉडल द्वारा कृत्रिम के संवादपूर्ण एआई असिस्टैंट विभिन्न भारतीय भाषाओं को समझकर धाराप्रवाह में उन्हें बोल भी सकेंगे।

कृत्रिम के संस्थापक, भाविश अग्रवाल ने कहा, ‘‘विकसित भारत का सपना पूरा करने और अगले 25 सालों के लिए एआई में नेतृत्व करने का समय आ गया है। एआई अर्थव्यवस्था एवं संस्कृति का भविष्य निर्धारित करने वाला है। हम भारत का पहला संपूर्ण एआई कंप्यूटिंग स्टैक, कृत्रिम लॉन्च करने के लिए बहुत उत्साहित हैं, जो हमारे अनोखे सांस्कृतिक संदर्भ को समझता है, और हमारी मौलिकता से हमारे भविष्य को जोड़ता है। भारत पर केंद्रित लागत संरचना के साथ कृत्रिम में भारतीय डेटा का सबसे बड़ा प्रतिनिधित्व होगा, जिससे हम विभिन्न सेक्टर्स में एलएलएम से आगे बढ़कर नॉवेल मॉडल बना सकेंगे, और भारत को विश्व की सबसे ज्यादा उत्पादक, प्रभावशाली एवं सशक्त अर्थव्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी।’’

ओला कृत्रिम लार्ज लैंग्वेज़ मॉडलों की फैमिली है, जिसमें कृत्रिम बेस और कृत्रिम प्रो शामिल हैं, जिनमें मल्टीमोडल, विशाल ज्ञान की क्षमताएं और अनुमान के लिए कई अन्य तकनीकी प्रगतियाँ शामिल होंगी। 2 ट्रिलियन से ज्यादा टोकन पर प्रशिक्षित कृत्रिम एमएमएलयू, हेलास्वैग, बीबीएच, पीआईक्यूए, और एआरसी जैसे विभिन्न मशहूर वैश्विक, एलएलएम मूल्यांकन मानकों पर बेहतर परफॉर्मेंस प्राप्त करता है।

ओला कृत्रिम मॉडल विभिन्न भाषाओं में आसानी से स्विच कर सकता है और विभिन्न गहन विषयों पर बात कर सकता है, जिनमें बंगाली में कविता से लेकर बॉलिवुड फिल्मों, और स्वादिष्ट मसाला डोसा की रेसिपी तक सभी बातें शामिल हैं। कृत्रिम जनवरी, 2024 से विभिन्न भारतीय भाषाओं में बात करने वाले एआई-संचालित असिस्टैंट बनाने के इच्छुक उद्यमों और डेवलपर्स के लिए बीटा वर्ज़न में एपीआई के रूप में उपलब्ध होगा। कृत्रिम प्रो वित्तवर्ष 2024 की चौथी तिमाही में उपलब्ध हो जाएगा।

ओला कृत्रिम के बेहतर भाषाई कौशल के साथ यह शिक्षा से लेकर व्यवसायिक संचार तक अनेक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए एक महत्वपूर्ण टूल बन जाएगा। इसमें अनुचित प्रतिक्रियाओं को कम करने के लिए सुरक्षित एआई में लेटेस्ट तकनीकों को शामिल किया गया है। कंपनी सर्वर-कंप्यूटिंग, एज़-कंप्यूटिंग और सुपर-कंप्यूटर्स तथा स्वदेशी डेटा सेंटरों के विकास के लिए एआई इन्फ्रास्ट्रक्चर पर भी काम कर रही है। इनके प्रोटोटाईप का उत्पादन 2024 के मध्य शुरू कर दिया जाएगा और प्रोडक्शन रोडमैप 2025 के अंत तक पेश कर दिया जाएगा।

कंपनी जनवरी 2024 तक वेबसाईट पर एक साईन अप पेज द्वारा अरली एक्सेस प्रोग्राम चला रही है। इसके अलावा, इसकी ओपन रिलीज़ जनवरी, 2024 में शुरू होगी, और ओपन एपीआई सभी डेवलपर्स को फरवरी, 2024 में उपलब्ध हो जाएंगे। ओला सेल, सर्विस, सपोर्ट और अन्य प्रक्रियाओं के लिए अपनी ग्रुप कंपनियों में कृत्रिम का उपयोग करने की योजना भी बना रहा है।

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