जयपुर। सभी नौ ग्रह एक निश्चित अंतराल पर राशि परिवर्तन करते हैं या फिर ये कभी-कभी ऐसी स्थिति में पहुंच जाते हैं कि एक से ज्यादा ग्रह एक ही कतार में आ जाते हैं। कुछ इसी तरह का योग आसमान में दिखाई दे रहा है। यह दुर्लभ नजारा 21 जनवरी से देखा जा रहा है। यह दृश्य 26 फरवरी तक रहेगा।
इसमें सौरमंडल के 6 ग्रह एक कतार में दिखाई दे रहे हैं। इन 6 ग्रहों में मंगल,गुरु, शुक्र, शनि, यूरेनस और नेपच्यून है। इनमें मंगल, गुरु, शुक्र और शनि को तो खुली आंखों में देखा जा सकता है, लेकिन नेपच्यून और यूरेनस को टेलीस्कोप की मदद से आसमान में देख सकते हैं। 15 फरवरी के बाद इस परेड का हिस्सा बुध ग्रह भी बन जाएगा।
इन ग्रहों की शोभा आधा चंद्रमा बढ़ाएगा। ज्योतिष में एक साथ कई ग्रहों के कतार में आ जाने से पताका योग कहा गया है। ज्योतिषाचार्य डॉ. महेन्द्र मिश्रा के मुताबिक यह योग लगभग 100 साल बाद बना है। पताका योग बनने का सभी 12 राशियों के जातकों पर असर होगा। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों की चाल और राशि परिवर्तन का प्रभाव देश-दुनिया के साथ-साथ हर एक जातकों के जीवन में जरूर पड़ता है।
इन राशि को होगा फायदा:
ज्योतिष में पताका योग को बहुत ही शुभ माना जाता है। 6 ग्रहों के योग से बनने वाला पताका योग मेष, वृषभ, मकर और कुंभ राशि वालों के लिए अच्छा साबित हो सकता है। इन राशि के लोगों को भाग्य का अच्छा साथ मिलेगा। करियर-कारोबार में तरक्की के योग हैं। धन लाभ के अवसरों में वृद्धि होगी। नौकरीपेशा जातकों को विशेष लाभ मिलने की संभावना है, वहीं जो लोग व्यापार से संबंधित हैं उन्हें अच्छा खासा मुनाफा हासिल होने के योग हैं। सुख-सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी। वाहन का सुख मिलेगा और कार्यों में सिद्धि की प्राप्ति होगी। इन राशि वालों को हो सकता है
नुकसान:
एक तरफ जहां पताका योग बनने से कुछ राशि वालों को फायदा मिलने के योग हैं तो वहीं कुछ को नुकसान भी हो सकता है। ज्योतिषीय गणना के मुताबिक कर्क, वृश्चिक, मीन और मिथुन राशि के जातकों को तरह-तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस योग के निर्माण से आपके फिजूलखर्चों में बढ़ोतरी हो सकती है।
नौकरीपेशा जातकों को नौकरी में कुछ अड़चनें आ सकती हैं। किसी को धन अगर उधार दिया है तो उसके वापस मिलने की संभावना कम है। निवेश संबंधी परेशानियां बढ़ सकती हैं। काम को लेकर तनाव रह सकता है जिसे आपका मन में काम नहीं लगेगा। वहीं इसके अलावा तुला, धनु, मीन और सिंह राशि के जातकों पर इसका मिलाजुला प्रभाव देखने को मिलेगा।
बिना उपकरण के निहारे शनि, शुक्र, बृहस्पति, मंगल ग्रह को: पश्चिम से पूर्व की ओर सूर्यास्त के बाद क्रम से शनि, शुक्र, नेप्चून, यूरेनस, बृहस्पति और मंगल ग्रह का अवलोकन बिना किसी उपकरण के किया जा सकता है। ग्रहों की कांति से स्पष्ट है कि वे कुछ उत्तर या दक्षिण की ओर हैं। लगातार एक माह तक आंशिक बदली हुई स्थितियों में इनका अवलोकन कर सकते हैं। टेलिस्कोप का उपयोग इन ग्रहों की सतह को देखने के लिए किया जा सकता है। वर्तमान समय में आकाश में ग्रहों को बहुत अच्छे प्रकार से देख पा रहे हैं।